आर्थिकी आर्थिक तरक्की के लिए हिंदू अर्थशास्त्र अपनाना होगा July 10, 2012 / July 10, 2012 by विनोद बंसल | 5 Comments on आर्थिक तरक्की के लिए हिंदू अर्थशास्त्र अपनाना होगा वर्ल्ड हिन्दू इकानोमिक फ़ोरम में दोहनकारी वृति की बजाय आर्थिक शुचिता सम्पन्न नये विश्व व्यापी व्यापारिक ढांचा बनाए जाने पर बल विनोद बंसल होंगकोंग जुलाई 1, 2012। वर्ल्ड हिन्दू इकानोमिक फ़ोरम के पहली दो दिवसीय होंगकोंग सम्मेलन में दुनिया से केवल लाभ कमाने की लालसा से आर्थिक संसाधनों का दोहन किए जाने पर गंभीर चिंता व्यक्त […] Read more » विश्व हिंदू इकॉनॉमिक फोरम
आर्थिकी विधि-कानून अल्पसंख्यक आरक्षण और आन्ध्र उच्च न्यायलय का निर्णय July 8, 2012 / July 12, 2012 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment प्रवीण गुगनानी आरक्षण और पिछ्ले दिनों आन्ध्रप्रदेश उच्च न्यायलय ने एक एतिहासिक और साहसिक फैसले को सुनाते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा पिछडो के लिये रखे गये 27 % आरक्षण में से 4.5 % आरक्षण अल्पसंख्यकों को देने का प्रस्ताव गलत है. पिछड़ी जातियों के लिये आरक्षित 27 % आरक्षण में 4.5 % की […] Read more » अल्पसंख्यक आरक्षण आन्ध्र उच्च न्यायलय का निर्णय
आर्थिकी राजनीति पेट्रोल के दामों पर केंद्र की नीयत July 8, 2012 / July 8, 2012 by मयंक चतुर्वेदी | 1 Comment on पेट्रोल के दामों पर केंद्र की नीयत डॉ. मयंक चतुर्वेदी लोकतंत्रात्मक शासन व्यवस्था में लोक कल्याण की अवधारणा यह इंगित करती है कि इस प्रकार की शासन प्रणाली में जनहित सर्वोपरि रहेगा। नीति निर्माता जनता के हितार्थ योजनाएँ बनाएँगे और उनका क्रियान्वयन करेंगे। राज्य के सभी संसाधन जनता के लिए रहेंगे किन्तु भारतीय संदर्भों में कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर बहस […] Read more » raised prices of petrol पेट्रोल के दामों पर केंद्र
आर्थिकी राजनीति कैसी जल नीति July 6, 2012 / July 6, 2012 by संजय कुमार बलौदिया | Leave a Comment राष्ट्रीय जल नीति ड्राफ्ट 2012 में सरकार जल का निजीकरण करने और जल को आर्थिक वस्तु बनाने पर तुली है। जल के रख-रखाव और वितरण के लिए सार्वजनिक निजी साझेदारी (पीपीपी मॉडल) को अपनाने की योजना बनाई गई है। जल एक प्राकृतिक संसाधन है। जिस पर हर वर्ग का अधिकार है, लेकिन अब यह […] Read more » water policy 2012 राष्ट्रीय जल नीति राष्ट्रीय जल नीति ड्राफ्ट 2012
आर्थिकी समाज आर्थिक असमानता की खाई चौड़ी करते बड़े अमीर July 6, 2012 / July 6, 2012 by सिद्धार्थ शंकर गौतम | 1 Comment on आर्थिक असमानता की खाई चौड़ी करते बड़े अमीर सिद्धार्थ शंकर गौतम क्रिसिल रिसर्च तथा कोटकवेल्थ के एक अध्ययन के मुताबिक़ वैश्विक अनिश्चितता एवं घरेलू मोर्चे पर आर्थिक सुस्ती के बावजूद देश में बड़े अमीर परिवारों की संपत्ति में लगातार इजाफा हो रहा है| इस इजाफे की दर पांच वर्ष में पांच गुणा तक बढ़ी है| बीते वर्ष बड़े अमीर परिवारों की संपत्ति ६५ […] Read more » आर्थिक असमानता
आर्थिकी खेत-खलिहान राजनीति दादा जोड़े पली पली…..सिंह हड्हावे कुप्पे ! July 5, 2012 / July 5, 2012 by एल. आर गान्धी | Leave a Comment इसे दादा की तंग दिली कहें या भारत जैसे भूखे नंगे देश के वित्त मंत्री की मजबूरी कि भूख से बिलखते भारतियों की थाली से ५० लाख टन अनाज छीन लिया ताकि ७००० करोड़ रूपए की बचत हो सके. रंगराजन समिति ने सिफारिश की कि गरीबों को कम दाम पर १.३ करोड़ टन अनाज बाँट […] Read more » rottening foodgrains
आर्थिकी समाज भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन का नेतृत्व और उसके विरोधाभास June 20, 2012 / June 20, 2012 by वीरेन्द्र जैन | 3 Comments on भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन का नेतृत्व और उसके विरोधाभास वीरेन्द्र जैन देश में भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या है और यही कारण है कि जब भी कोई भ्रष्टाचार के खिलाफ उठ खड़ा होता हुआ दिखता है तो उसके पीछे बहुत सारे लोग यह सोचे बिना ही आ जाते हैं कि जब तक यह समर्थन किसी सार्थक परिवर्तनकारी राजनीति और राष्ट्रव्यापी संगठन के साथ नहीं जुड़ता […] Read more » anti corruption movement contradictions of anti corruption movement भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन
आर्थिकी हमारे देश की आर्थिक दुरवस्था / मा. गो. वैद्य June 18, 2012 / June 18, 2012 by मा. गो. वैद्य | 1 Comment on हमारे देश की आर्थिक दुरवस्था / मा. गो. वैद्य मा. गो. वैद्य हमारा देश आर्थिक संकट में फंसा है. विकास दर, जो, दो-तीन वर्ष पूर्व ९ प्रतिशत थी, वह ५.३ प्रतिशत तक कम हुई है. औद्योगिक उत्पादन में तो चिंताजनक गिरावट हुई है. वह ०.१ प्रतिशत तक गिरा है. एक वर्ष पूर्व वह पांच प्रतिशत से अधिक था. रुपये का आंतरराष्ट्रीय बाजार में गिरा […] Read more » आर्थिक दुरवस्था
आर्थिकी दरकती अर्थव्यवस्था और गिरती साख June 17, 2012 / June 17, 2012 by प्रणय विक्रम सिंह | 1 Comment on दरकती अर्थव्यवस्था और गिरती साख प्रणय विक्रम सिंह प्रख्यात रेटिंग एजेंसी एस.एंड.पी ने भारत की गिरती अर्थव्यवस्था की अत्यंत निराशाजनक समीक्षा की है। रेटिंग एजेंसी ने आशंका व्यä करते हुए कहा है कि यदि भारत ने अर्थव्यवस्था सुधार के मद्देनजर शीघ्र ही परिणामदायक कदम नहीं उठाये तो वह अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग घटा देगी। ऐसा होने से विदेशी निवेश की स्थिति पर […] Read more » गिरती साख दरकती अर्थव्यवस्था
आर्थिकी अनाज का आपराधिक कुप्रबंधन और भारतीय किसान June 16, 2012 / June 16, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment रणबीर सिंह विश्व की 2.3 प्रतिशत भूमि और उससे विश्व की 17.5 प्रतिशत जनसंख्या का पेट भरना भारत के लिए हमेशा एक चूनौती रहा है। लेकिन भारतीय किसानों के अथक प्रयासों के बाद आज भारत खाघान्नों में केवल आत्मनिर्भर ही नहीं रहा बलिक जरूरत से कहीं ज्यादा उत्पादन कर रहा है । दूसरी और ग्लोबल […] Read more » mismanagement of food grains अनाज का आपराधिक कुप्रब्न्धन भारतीय किसान
आर्थिकी अर्थव्यवस्थाः बज चुकी खतरे की घंटी ! June 13, 2012 / June 13, 2012 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव विकास और आर्थिक सुधार के जिस नव उदारवादी पश्चिमी दर्शन का महिमामंडन करने से हम अघाया नहीं करते थे, आज उसने हमें संकटो के ऐसे भंवर में डाल दिया है, जिससे पार पाना मनमोहन सिंह सरकार के लिए एकदम नामुमकिन है। दरअसल सरकार बढ़ती मंहगाई को रोकने के लिए जो टोटके अपनाने की […] Read more » अर्थव्यवस्था
आर्थिकी राजनीति मंहगाई डायन ‘निगले’ जात है June 9, 2012 / June 9, 2012 by निर्मल रानी | 1 Comment on मंहगाई डायन ‘निगले’ जात है निर्मल रानी भारतवर्ष में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में इस बात की चर्चा है कि भारत की बागडोर इस समय विश्व के प्रसिद्ध एवं प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह के हाथों में हैं। दूसरी ओर उनका साथ दे रहे हैं विश्व के एक और प्रमुख अर्थशास्त्री डॉ. मोंटेक सिंह आहलूवालिया। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने […] Read more » manmohan singh and inflation मंहगाई