लेख विधि-कानून अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाम न्यायपालिका की अवमानना September 14, 2020 / September 14, 2020 by डॉ अभिषेक अत्रे | Leave a Comment डॉ अभिषेक अत्रे आलोचना और विद्रूपता के बीच एक बहुत पतली रेखा है। स्वतंत्रता का एक मूल सिद्धांत यह है कि आप कुछ भी करने के लिए स्वतंत्र हैं जो मेरी स्वतंत्रता में हस्तक्षेप नहीं करता है। अवमानना का कानून नया नहीं है और न्यायपालिका की स्वतंत्रता की रक्षा के इरादे से इसे लागू किया […] Read more » Contempt of judiciary Contempt of judiciary versus freedom of expression freedom of expression अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता न्यायपालिका की अवमानना
लेख विधि-कानून बहुमूल्य जीवन को आत्महत्या से बचाएं September 9, 2020 / September 9, 2020 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment प्रभुनाथ शुक्ल मानवीय जीवन में आत्महत्या एक असामान्य व्यवहार है। जिसमें प्राणी स्वयं की हत्या करता है। पहले व्यक्ति में बार-बार आत्महत्या के विचार आते हैं, उसके बाद वह आत्महत्या कैसे किया जाए। कब किया जाए। आत्महत्या सफल नहीं हुई तो क्या होगा। समाज […] Read more » बहुमूल्य जीवन को आत्महत्या से बचाएं
राजनीति विधि-कानून अंततः मेधा जीती,कोविड हारा September 1, 2020 / September 1, 2020 by श्याम सुंदर भाटिया | Leave a Comment श्याम सुंदर भाटिया अंततः देश की बड़ी अदालत ने यूजी और पीजी के अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर अपना ‘सुप्रीमो’ फैसला सुना दिया है। फाइनल ईयर के हर स्टुडेंट्स को एग्जाम में बैठना होगा। हालांकि देश की करीब 800 यूनिवर्सिटीज में से 290 में फाइनल ईयर की परीक्षाएं कराई जा चुकी हैं। एग्जाम न […] Read more » कोरोना की डिग्री हार गई यूजी और पीजी के अंतिम वर्ष की परीक्षा यूनिवर्सिटी और कॉलेजों की अंतिम वर्ष की परीक्षाएं
लेख विधि-कानून धर्मनिरपेक्ष शब्द को हटाने की मांग को लेकर सर्वोच्च न्यायालय की शरण August 31, 2020 / August 31, 2020 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment –अशोक “प्रवृद्ध” भारत विभाजन के पश्चात आज तक के काल में केंद्र की सता में सतासीन सरकारों के आचरण के अवलोकन से यह सिद्ध होता है कि भारत की सरकारें धर्मनिरपेक्षता का सिर्फ ढिंढोरा ही पीटती है, और धर्म निरपेक्षता के नाम पर बहुसंख्यक हिंदुओं के हितों की बलि देकर मुसलमानों और ईसाईयों के हितों […] Read more » Supreme Court to demand removal of the word secular धर्मनिरपेक्ष सर्वोच्च न्यायालय
लेख विधि-कानून बताइए सरकार, क्या जरूरी है, परीक्षा या जिंदगी? August 30, 2020 / August 30, 2020 by निरंजन परिहार | Leave a Comment सरकार के अपने तर्क हैं, विपक्ष के अपने तेवर और छात्रों की अपनी परेशानियां। लेकिन सवाल यह है कि आखिर यह तय कौन करेगा कि क्या जरूरी है, एक साल या लाखों छात्रों की पूरी जिंदगी? कोरोना संकटकाल में जब बहुत कुछ बंद है, फिर भी केंद्र सरकार परीक्षा करवाने पर तुली है, तो विवाद तो […] Read more » जेईई और नीट परीक्षा परीक्षा या जिंदगी
विधि-कानून विविधा पुलिस अकादमी के आईपीएस अधिकारी मनुमुक्त मानव की संदिग्ध मृत्यु का खुलासा क्यों नहीं हुआ? August 27, 2020 / August 27, 2020 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment — डॉo सत्यवान सौरभ, 28 अगस्त 2014 को भारतीय पुलिस सेवा के युवा और प्रतिभाशाली आईपीएस अधिकारी मनुमुक्त मानव की 31साल नौ मास की अल्पायु में नेशनल पुलिस अकादमी हैदराबाद तेलंगाना में स्विमिंग पूल में डूबने से संदिग्ध मृत्यु हो गई थी. स्विमिंग पूल के पास ही स्थित ऑफिसर्स क्लब में चल रही एक विदाई पार्टी के […] Read more » mysterious death of ips manumukt manav आईपीएस मनुमुक्त मानव
राजनीति विधि-कानून केंद्र सरकार का अगला क़दम क्या जनसंख्या नियंत्रण क़ानून होगा? August 23, 2020 / August 23, 2020 by सोनम लववंशी | Leave a Comment मोदी सरकार ने वर्षों से अटके मुद्दों यथा- धारा 370, तीन तलाक़ और राम मंदिर को चुटकियां बजाते ही मानों ख़त्म कर दिया हो। इतना ही नहीं मोदी सरकार की दूरदर्शिता और सामाजिक सरोकार से जुड़े होने का ही यह परिणाम है, कि देश को नई शिक्षा नीति प्राप्त हो सकी। जिसकी दरकार वर्षों से […] Read more » जनसंख्या नियंत्रण क़ानून जनसंख्या वृद्धि का मूल कारण तीन तलाक़ धारा 370 परिवार नियोजन राम मंदिर लैंगिक असमानता
महिला-जगत लेख विधि-कानून महिलाओं के लिए विवाह की आयु बढ़ाना सही रहेगा या नहीं। August 20, 2020 / August 20, 2020 by प्रियंका सौरभ | 1 Comment on महिलाओं के लिए विवाह की आयु बढ़ाना सही रहेगा या नहीं। भारत में जिस समय महिलाओं को उनके भविष्य और शिक्षा की ओर ध्यान देना चाहिये, उस समय उन्हें विवाह के बोझ से दबा दिया जाता है, आज अब 21वीं सदी में इस रुढ़िवादी प्रथा में बदलाव की आवश्यकता है, जो कि महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम साबित होगा। —प्रियंका सौरभ प्रधान […] Read more » महिलाओं के लिए विवाह की आयु विवाह की न्यूनतम आयु पर पुनर्विचार
राजनीति विधि-कानून सिनेमा सुशांत, शिवसेना, सुप्रीम कोर्ट, सीबीआई और सरकार पर संकट ! August 20, 2020 / August 20, 2020 by निरंजन परिहार | 1 Comment on सुशांत, शिवसेना, सुप्रीम कोर्ट, सीबीआई और सरकार पर संकट ! सुप्रीम कोर्ट ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में जांच भले ही सीबीआई को सौंप दी हो लेकिन अभी भी राजनीति रुकने का नाम नहीं ले रही। दिल्ली और बिहार से लेकर मुंबई तक इस मामले में राजनीति देखने व सुनने को मिल रही है। पूरे मामले में साफल लगता रहा कि […] Read more » शिवसेना सीबीआई और सरकार पर संकट सुप्रीम कोर्ट सुशांत सुशांत सिंह राजपूत की मौत
विधि-कानून न्याय में देरी न्याय से वंचित होना है August 18, 2020 / August 18, 2020 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment आज के दिन सुप्रीम कोर्ट में 60,450 मामले लंबित है। उच्च न्यायालयों में 45,12,800 मामले लंबित हैं, जिनमें से 85% मामले पिछले 1 साल से लंबित हैं। 2,89,96000 से अधिक मामले, देश के विभिन्न अधीनस्थ न्यायालयों में लंबित हैं। —-प्रियंका सौरभ सुप्रीम कोर्ट से लेकर निचली अदालतों तक मामलों की पेंडेंसी बढ़ने से उपराष्ट्रपति एम […] Read more » Delay in justice is denial of justice न्याय में देरी न्याय से वंचित
विधि-कानून समाज बेटियां हकदार लेकिन कई मुश्किलें August 13, 2020 / August 13, 2020 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment डॉ. वेदप्रताप वैदिक सर्वोच्च न्यायालय के ताजा फैसले ने देश की बेटियों को अपने पिता की संपत्ति में बराबरी का हकदार बना दिया है। अदालत के पुराने फैसले रद्द हो गए हैं, जिनमें कई किंतु-परंतु लगाकर बेटियों को अपनी पैतृक संपत्ति का अधिकार दिया गया था। मिताक्षरा पद्धति या हिंदू कानून में यह माना जाता […] Read more » पैतृक संपत्ति में बेटियों का अधिकार बेटों के बराबर बेटियों को अपने पिता की संपत्ति में बराबरी का हकदार सर्वोच्च न्यायालय
राजनीति विधि-कानून भारत की नई शिक्षा नीति की घोषणा August 12, 2020 / August 12, 2020 by सुरेन्द्र नाथ गुप्ता | Leave a Comment सुरेन्द्र नाथ गुप्ता बहुत लम्बी प्रतीक्षा के पश्चात भारत की नई शिक्षा नीति कि घोषणा का हार्दिक स्वागत | इसमें भारत की शिक्षा में आमूल-चूल परिवर्तन की संकल्पना दिखाई देती है |मानव संसाधन मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय करना सरकार के शिक्षा के प्रति भारतीय सोच को प्रकट करता है| मनुष्य को केवल संसाधन […] Read more » नई शिक्षा नीति भारत की नई शिक्षा नीति