Category: समाज

शख्सियत समाज

#बलिदानदिवस : “एक ऐसा पत्रकार जिसके लिए पत्रकारिता सदैव एक मिशन रहा”

| Leave a Comment

इसी कलम ने ब्रिटिश हूकूमत की जड़ें हिला दी थी । इसी कलम से नेपोलियन भी डरा करता था । लेकिन आज के समय में कुछ गंदी और ओछी मानसिकता के हमारे भाई लोगों (पत्रकारों) की वजह से इस कलम की महत्ता में गिरावट आई है । लेकिन आज भी कुछ ऐसे कलम के सिपाही हैं जिनके ऊपर मौजूदा पत्रकारिता को गर्व है । आज गणेश शंकर विद्यार्थी जी हमारे बीच नही हैं लेकिन उनका वो मिशन जरूर है जिसके लिए उन्होंने अपने प्राणों को बलिदान कर दिया । ऐसे महान व् कर्मठ व्यक्तित्व को शत शत नमन ........

Read more »

समाज

कभी इन असली जंगलियों से भी मिलिए

| Leave a Comment

बांस, बहेड़ा, टीम, गांभरी, सेब, गुलमोहर, आम, बरगद... जादव द्वारा लगाये वृक्षों की सूची विविध और इतनी लंबी है कि आप हम पढ़ते-पढ़ते भले ही थक जायें; श्री जादव इन्हे लगाते-पालते-पोषते अभी भी नहीं थके हैं। उनकी सुबह आज भी तीन बजे शुरु होती है। यूं श्री जादव अभी भी दूध बेचते हैं, पर अब वह साधारण दूध विक्रेता नहीं हैं। मवेशी इनकी रोजी-रोटी भी हैं और इनके वृक्षारोपण को मिलने वाली खाद का स्त्रोत भी। पिछले 35 वर्षों मंे राॅयल बंगाल टाइगरों ने उनकी 85 गायों, 95 भैंसों और 10 सुअरों का शिकार किया है; बावजूद इसके जादव को टाइगर सबसे प्रिय हैं। अगस्त, 2012 में एक गैंडे का शिकार होने पर श्री जादव और उनके सबसे छोटे बेटे ने कई दिन तक खाना नहीं खाया।

Read more »

शख्सियत समाज

वीरव्रत

| Leave a Comment

कल्पना से परे है कि अध्ययन में कुशाग्र, हर ओर से समाज की बराबरी करने के बाद भी समाज ने उनसे भेदभाव किया। लेकिन लगातार प्रताड़ित होने के बाद भी उन्होंने संघर्ष नहीं छोड़ा। विधि, अर्थशास्त्र व राजनीति शास्त्र में अध्ययन, कोलंबिया वि.वि. और लंदन स्कूल आॅफ इकाॅनोमिक्स से कई डाक्टरेट डिग्रियां लीं। कुल 32 डिग्रियां बाबासाहेब ने प्राप्त कीं। जीवन भर समाज के दलित, पिछड़े और शोषित वर्ग की आवाज बने रहे। उन्होंने अपने समाज को शैक्षिक, आर्थिक, राजनैतिक, सामाजिक, धार्मिक आदि रूपों में समान करने का अथक प्रयास किया। मृत्यु के 34 वर्ष उपरान्त 1990 में उन्हें ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया।

Read more »