समाज धर्म मजहब और धर्म निरपेक्षता March 16, 2017 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment आज तक हिंदुओं ने किसी को हज पर जाने से नहीं रोका। लेकिन हमारी अमरनाथ यात्रा हर साल बाधित होती है। फिर भी हम ही असहिष्णु हैं। हमें दोषी ठहराके ये अपने एवार्ड वापस करने का नाटक करते हैं। यह तो कमाल की धर्मनिरपेक्षता है। समय रहते भारत के हिन्दुओं समझ जाओ, संभल जाओ । Read more » धर्म धर्म निरपेक्षता धर्म मजहब
समाज मध्यम-वर्ग: नई भोर की आहट March 15, 2017 / March 15, 2017 by ललित गर्ग | Leave a Comment मध्यमवर्ग भले ही आर्थिक दृष्टि से सम्पन्न न भी हो, वह शिक्षित भी है, जागरूक भी है और #विकासोन्मुखी भी है लेकिन वह अपनी परम्पराओं और रूढियों से खुद को मुक्त नहीं कर सका। संस्कार और संस्कृति उसकी जेहन में रहते हैं। यही कारण है कि मध्यम वर्ग सबसे ज्यादा पीड़ित है। मध्यम वर्ग की विडम्बना देखिये कि उसे अपना दर्द व्यक्त करने का मंच भी सुलभ नहीं है। यत्र-तत्र चर्चाओं में भाग लेकर अपना आक्रोश तो प्रकट करता है परन्तु समय, धन व जनबल के आभाव के कारण सत्ता में बैठे लोगों को अपने हित चिंतन के लिए विवश नहीं कर पाता। Read more » Featured नई भोर की आहट मध्यम-वर्ग
कला-संस्कृति समाज उत्तराखंड का बालपर्व “फूलदेई” March 15, 2017 by प्रदीप रावत | Leave a Comment पहाड़ की यह अनूठी बाल पर्व की परम्परा जो मानव और प्रकृति के बीच के पारस्परिक सम्बन्धों का प्रतीक है । तेज़ी से बड़ रही आधुनिकता के कारण यह प्राचीन परम्परा विलुप्त की कगार पर खड़ी हो गयी है इन प्राचीन परम्पराओ को बचाने के लिए सरकार को निति तय करनी होगी और स्कूलों मे बच्चों को इस बालपर्व फूलदेई को मनाने के लिए प्रेरित किया जाय व इस परम्परा से संबन्धित लेख या कविताओं को नौनिहालों के पाठ्यक्रम मे शामिल किया जाय ताकि इसे व्यापकता प्रदान हो सके. Read more » Featured उत्तराखंड का बालपर्व फूलदेई बाल पर्व
समाज जानिए घर पर वास्तु अनुसार भगवा ध्वजा लगाने के लाभ और प्रभाव … March 14, 2017 by पंडित दयानंद शास्त्री | 2 Comments on जानिए घर पर वास्तु अनुसार भगवा ध्वजा लगाने के लाभ और प्रभाव … भारत की सनातन संस्कृति की धरोहर का सांस्कृतिक दूत है परम पवित्र भगवा ध्वज! धर्म ध्वजा केसरिया, भगवा या नारंगी रंग की होती है| संस्कृति की समग्रता, राष्ट्रीय एकता जिसमें समाहित है| आदि काल से वैदिक संस्कृति, सनातन संस्कृति, हिंदू संस्कृति, आर्य संस्कृति, भारतीय संस्कृति एक दूसरे के पर्याय हैं जिसमें समस्त मांगलिक कार्यों के […] Read more » घर पर वास्तु अनुसार भगवा ध्वजा लगाने के लाभ भगवा ध्वजा
समाज क्या भारत को आज सिकुड कर बैठना चाहिए? March 12, 2017 by डॉ. मधुसूदन | 10 Comments on क्या भारत को आज सिकुड कर बैठना चाहिए? डॉ. मधुसूदन भारत को आज संसार से अलग सिकुडकर बैठने का अवसर नहीं है। क्यों? जानने के लिए आगे पढें। (एक) क्या विदेशी निवेश , सिकुडकर बैठने से संभव है? मार्च-३-२०१७ का, वॉल स्ट्रीट जर्नल का आलेख आया है। जिस में भारत में निवेश को प्रोत्साहित किया है। कहा है India is the best country […] Read more » Featured भारत को सिकुड कर बैठना चाहिए?
समाज बृद्धावस्था बोझ नहीं, परिवार व समाज के उद्धारक बनें March 10, 2017 / March 10, 2017 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | 1 Comment on बृद्धावस्था बोझ नहीं, परिवार व समाज के उद्धारक बनें दादा दादी , नाना नानी के संरक्षण में बच्चों में आत्मविश्वास और सुरक्षित होने की भावना बढ़ती है। जिन घरों में गृहणियां बाहर नहीं जातीं , वहां भी वरिष्ठ सदस्यों की प्रासंगिकता रहती है। पति पत्नी एक मर्यादा में रहते हैं। बात बात में आपे से बाहर नहीं होते।बुढ़ापे को बेकार मत समझिए। इसे सार्थक दिशा दीजिए। तन में बुढ़ापा भले ही आ जाए, पर मन में इसे मत आने दीजिए। आप जब 21 के हुए थे तब आपने शादी की तैयारी की थी, अब अगर आप 51 के हो गए हैं तो शान्ति की तैयारी करना शुरू कर दीजिए। सुखी बुढ़ापे का एक ही मन्त्र हैं। दादा बन जाओ तो दादागिरी छोड़ दो और परदादा बन जाओ तो दुनियादारी करना छोड़ दो। Read more » Featured परिवार बृद्धावस्था बोझ नहीं समाज के उद्धारक
पर्व - त्यौहार वर्त-त्यौहार समाज बुराई को त्यागने का प्रतीक है होली March 10, 2017 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment रंगों का पर्व होली हिन्दुओं का पवित्र त्यौहार है। यह मौज-मस्ती व मनोरंजन का त्योहार है। सभी हिंदू जन इसे बड़े ही उत्साह व सौहार्दपूर्वक मनाते हैं। यह त्योहार लोगों में प्रेम और भाईचारे की भावना उत्पन्न करता है। Read more » Featured होली
कला-संस्कृति पर्व - त्यौहार वर्त-त्यौहार समाज होली पर्व भारत में बहुसांस्कृतिक समाज के जीवंत रंगों का प्रतीक March 9, 2017 by ब्रह्मानंद राजपूत | Leave a Comment होली पर्व पूरे देश में परंपरा, हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया जाने वाला त्यौहार है। होली पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। होली पर्व हमारे देश में उपस्थित बहुसांस्कृतिक समाज के जीवंत रंगों का प्रतीक है। होली पर्व देश में हमारी संस्कृति और सभ्यता के मूल सहिष्णुता और सौहार्द की भावना को बढ़ावा देने वाला पर्व है। इस पर्व को सभी लोगों को शांति, सौहार्द और भाईचारे की भावना से मनाना चाहिए। Read more » Featured जीवंत रंगों का प्रतीक होली पर्व होली पर्व भारत में बहुसांस्कृतिक समाज के जीवंत रंगों का प्रतीक
महिला-जगत समाज अनचाही बेटियाँ March 8, 2017 by जावेद अनीस | Leave a Comment समाज में लिंग अनुपात संतुलन लगातार बिगड़ रहा है. वर्ष 1961 से लेकर 2011 तक की जनगणना पर नजर डालें तो यह बात साफ तौर पर उभर कर सामने आती है कि 0-6 वर्ष आयु समूह के बाल लिंगानुपात में 1961 से लगातार गिरावट हुई है पिछले 50 सालों में बाल लिंगानुपात में 63 पाइन्ट की गिरावट दर्ज की गयी है. लेकिन पिछले दशक के दौरान इसमें सांसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गयी है Read more » Featured unwanted daughters अनचाही बेटियाँ भ्रूणलिंग जांच समाज में घटती महिलाओं की घटती संख्या
महिला-जगत समाज माँ, ममता और महिला March 8, 2017 by अर्पण जैन "अविचल" | Leave a Comment ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता:’ की आध्यात्मिक ताक़त वाला राष्ट्र जिसकी रगों में नारी का सम्मान बसा हुआ है, किंतु दुर्भाग्य इस कलयुगी पौध का जो यौवन के मदमास में अपने गौरवशाली इतिहास की किताबो को कालिख पोतते हुए अपमान के नए अंगवस्त्र तैयार कर रही है, वो भूल गई 'यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्रफला: क्रिया’ अर्थात जिन घरों में स्त्रियों का अपमान होता है, वहां सभी प्रकार की पूजा करने के बाद भी भगवान निवास नहीं करते हैं। Read more » Featured अंतराष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास ममता महिला मां
महिला-जगत समाज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस March 8, 2017 by पंडित दयानंद शास्त्री | Leave a Comment माता का हमेशा सम्मान हो मां अर्थात माता के रूप में नारी, धरती पर अपने सबसे पवित्रतम रूप में है। माता यानी जननी। मां को ईश्वर से भी बढ़कर माना गया है, क्योंकि ईश्वर की जन्मदात्री भी नारी ही रही है। मां देवकी (कृष्ण) तथा मां पार्वती (गणपति/ कार्तिकेय) के संदर्भ में हम देख सकते हैं इसे। किंतु बदलते समय के हिसाब से संतानों ने अपनी मां को महत्व देना कम कर दिया है। यह चिंताजनक पहलू है। Read more » Featured International Women Day अंतराष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस अरुणा आसफ अली इला भट्ट देवी अहिल्याबाई होलकर मदर टेरेसा महादेवी वर्मा राजकुमारी अमृत कौर सुचेता कृपलानी और कस्तूरबा गांधी
महिला-जगत समाज आधी दुनिया के हिस्से को पूरा हक March 7, 2017 by मनोज कुमार | Leave a Comment विश्व महिला दिवस पर 8 मार्च पर विशेष एक अनजाना सा गांव पुलवाही देश ही नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय फलक पर चमक उठा है. ग्राम फलवानी डिंडोरी जिले के मेहदवानी विकासखंड में आता है. भौगोलिक रूप से यह गांव, विकासखंड और जिला मध्यप्रदेश में है लेकिन इस पर कभी मध्यप्रदेश का अविभाज्य अंग रहे छत्तीसगढ़ की […] Read more » 8 मार्च Featured महिला सशक्तिकरण विश्व महिला दिवस