विश्ववार्ता एफबीआई जांच मामले में हिलेरी को बड़ी राहत November 7, 2016 by प्रमोद भार्गव | 1 Comment on एफबीआई जांच मामले में हिलेरी को बड़ी राहत इस सब के बावजूद राष्ट्रपति पद की इस दौड़ में भारतवंशीयों की अहम् भूमिका रहने वाली है। भारतीय मतदाता फ्लोरिडा, ओहियो और कोलोराडो जैसे बड़े व महत्वपूर्ण राज्यों में हवा बदलने की सामर्थ्य रखते है। इन राज्यों में भारतीय-अमेरिकन मतदाताओं का प्रतिषत 30 से 40 है, जो हिलेरी और ट्रंप दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। दरअसल ट्रंप पूरी तरह गैरराजनीतिक पृष्ठभूमि से है। Read more » Donald Trump Featured Hillary Clinton presidential election in America Trump
खेत-खलिहान जन-जागरण पर्यावरण विविधा हवा की शुद्वता के लिए प्रदूषण के खिलाफ जनान्दोलन छेड़ने की जरूरत November 7, 2016 by महेश तिवारी | 1 Comment on हवा की शुद्वता के लिए प्रदूषण के खिलाफ जनान्दोलन छेड़ने की जरूरत खेती और किसानों के लिए अहम पराली को संरक्षित करने के बाबत बनाई गई राष्ट्रीय पराली नीति भी राज्य सरकारों के ठेंगा पर दिख रही है। गेहूं, धान और गन्ने की पत्तियां सबसे ज्यादा जलाई जाती है। अधिकृत रिपोर्ट के अनुसार देश के सभी राज्यों को मिलाकर सालाना 50 करोड़ टन से अधिक पराली निकलती है उम्मीदों से भरे प्रदेश उत्तर प्रदेश मे छह करोड़ टन पराली में से 2.2 करोड़ टन पराली जलाई जाती है। Read more » Environmental Pollution Featured pollution control प्रदूषण के खिलाफ जनान्दोलन हवा की शुद्वता
प्रवक्ता न्यूज़ समाजवादी पार्टी का इतिहास और उठापठक November 7, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment चाचा शिवपाल की आपत्तियों को ख़ारिज कर अखिलेश मुख्यमंत्री बने. लेकिन आधे अधूरे.उनके पिता, चाचा और दूसरे वरिष्ठ नेता प्रशासन में दख़ल देते रहे. वे चुपचाप काम करते रहे. सर्व प्रथम इस सरकार ने अपने करीबियो तथा खास लोगों को वोट बैंक के लिहाज से कन्या विद्या धन योजना से लेकर लैपटॉप बांटने तक की कई स्कीमें तथा बेरोजगार भत्ता देना शुरू किया. इसके बाद अपने खास आदमियों को विभिन्न विभागों एवं निगमों में राज्यमंत्री का मानद पद बांटना शुरू कर दिया. पुलिस लेखपाल, शिक्षमित्रों आदि अनेक तरह के विवदित तथा पक्षपात पूर्ण भर्तियां की जाने लगी. दागियों को महिमा मंडित किया जाने लगा है. रेवड़ियां बंटने लगी हैं. Read more » Featured सपा सपा-बसपा गठबंधन सपा-बसपा गठबंधन की नींव
विविधा धूम कोहरा (धुहासा) November 7, 2016 / November 7, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment अदरक और लहसुन दोनों ही अस्थमा के इलाज में फायदेमंद होते हैं। अस्थमा की शुरुआती अवस्था में 30 मिली दूध में लहसुन की पांच कलियां उबाल कर इस मिश्रण का रोजाना सेवन करने से लाभ मिलता है। इसके अलावा अदरक की गर्म चाय में लहसुन की दो कलियां मिलाकर सुबह-शाम पीकर भी अस्थमा को नियंत्रित किया जा सकता है। Read more » Featured अस्थमा रोगियों की मुसीबतें: उत्तरी चीन में भी धुंध दिल्ली के प्रदूषण के प्लान: धूम कोहरा
खेल जगत मनोरंजन विविधा हठयोग पर ठिठका क्रिकेट… November 7, 2016 / November 7, 2016 by आकाश कुमार राय | Leave a Comment अहम बात यह है कि अगर श्रृंखला रद्द होती है कि तो मामला बीसीसीआइ से हटकर लोढ़ा समिति की तरफ आ जाएगा कि सीरीज उनकी वजह से नहीं हो सकी.. जिसके बाद टकराव का यह मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल को प्रभावित करेगा। इस एक फैसले से सिर्फ क्रिकेट या किसी क्रिकेट बोर्ड की नहीं बल्कि भारत की बदनामी होगी। Read more » Featured जस्टिस आर.एम. लोढ़ा हठयोग पर ठिठका क्रिकेट
विविधा राजधानी की आवोहवा में जहर! November 7, 2016 by अवनीश सिंह भदौरिया | Leave a Comment देश में लाखों डेयरियों में रोज शाम को धुंए के बादल उठते दिखाई देने लगते हैं। भले ही वातावरण में मच्छर हों या न हों। परंतु अब प्रदूषण की यही स्थिति नियंत्रण से बाहर हुई लगती है। खासतौर पर हमारे देश से संबंधित ऐसे भयानक आंकड़े सामने आने लगे हैं जो हमें यह बताने के लिए काफी हैं कि इन हालात को पैदा करने के जि़म्मेदार भी हम स्वयं हैं। Read more » Featured polluted delhi राजधानी की आवोहवा में जहर!
समाज क्या वैदिक वर्णव्यवस्था वर्तमान युग में व्यावहारिक है? November 6, 2016 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on क्या वैदिक वर्णव्यवस्था वर्तमान युग में व्यावहारिक है? मनमोहन कुमार आर्य वैदिक वर्ण व्यवस्था क्या है? वैदिक वर्ण व्यवस्था वह सामाजिक व्यवस्था है जिसमे समाज के सभी मनुष्यों को उनके गुण, कर्म व स्वभाव के अनुसार चार वर्णों ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य व शूद्र में वर्गीकृत किया गया है। यह व्यवस्था वर्तमान की जन्मना जाति व्यवस्था अर्थात् मनुष्य के जन्म पर आधारित व्यवस्था से […] Read more » Featured वर्णव्यवस्था वर्तमान युग में व्यावहारिक वैदिक वर्णव्यवस्था
आर्थिकी उत्पाद समीक्षा विधि-कानून विविधा खाद्य सुरक्षा कानून देशभर में लागू November 6, 2016 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment अनाज वितरण की विसंगतियों के चलते राज्य सरकारें आबंटित कोटा वक्त पर नहीं उठातीं हैं। क्योंकि पीडीएस के अनाज का ढुलाई खर्च उन्हें उठाना होता है। दरअसल अब सरकारों को भण्डारण के इंतजाम पंचायत स्तर पर करने की जरूरत है। यदि ऐसा होता है तो अनाज का दोतरफा ढुलाई खर्च तो बचेगा ही, इस प्रक्रिया में अनाज का जो छीजन होता है उससे भी निजात मिलेगी। Read more » Featured Food Security Bill खाद्य सुरक्षा कानून खाद्य सुरक्षा कानून देशभर में लागू
राजनीति विधि-कानून बच्चा चुराने वालों को अब आजीवन कारावास November 6, 2016 by मयंक चतुर्वेदी | Leave a Comment इस विधेयक के पास हो जाने के बाद यह संभव हो सकेगा कि मानव तस्करी के गंभीर मामलों में जो दोषी पाए जाएंगे उन्हें हत्या करने या उसके प्रयासों के लिए दी जाने वाली सजा के समकक्ष तक माना जा सकेगा। साथ ही मानव तस्करी रोधी विधेयक के माध्यम से यह भी एक श्रेष्ठ निर्णय लिया जा रहा है कि इसमें बंधुआ मजदूर से लेकर भीग मंगाने के उद्देश्य से बच्चों का इस्तेमाल कर रहे लोगों एवं शादी के लिए बिना उसकी इच्छा और स्वीकारोक्ति के किसी महिला की तस्करी या उसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाये जाने जैसे अपराध को भी सम्मिलित किया गया है। Read more » Featured आजीवन कारावास बच्चा चुराने वालों को अब आजीवन कारावास
विविधा प्रसंगवश– भूतपूर्व सैनिक रामकिशन ग्रेवाल की मौत November 6, 2016 by पंडित दयानंद शास्त्री | 4 Comments on प्रसंगवश– भूतपूर्व सैनिक रामकिशन ग्रेवाल की मौत आदरणीय खुजलीवाल जी,पप्पू भय्या जी, हम आपकी पीड़ा समझ सकते है कि मोदी जी के कारण आपका जीना हराम किया हुआ है और आपकी जिंदगी दिल्ली की तरह एक नरक से बदतर हो चुकी है। आपकी तनख्वाह काफी कम है और LG उसे बढ़ाने दे नही रहे जैसे पूर्व सैनिक राम किशन की पेंशन कम थी और उसने आत्महत्या कर और आपने उसे शहीद करार कर, एक मिसाल कायम की है। Read more » Featured भूतपूर्व सैनिक रामकिशन ग्रेवाल की मौत रामकिशन ग्रेवाल रामकिशन ग्रेवाल की मौत
समाज जिन्दगी के गुम हो गये अर्थों की तलाश November 6, 2016 by ललित गर्ग | Leave a Comment जिन परिस्थितियों में व्यक्ति जी रहा है, उनसे निकल पाना किसी के लिए भी आज बड़ा कठिन-सा है। अपने व्यापार, अपने कैरियर, अपनी इच्छाओं को एक झटके में त्याग कर एकांतवास में कोई रह सके, यह आज संभव नहीं है और व्यावहारिक भी नहीं है। तथापि अपनी मानसिक शांति और स्वास्थ्य के प्रति आदमी पहले से अधिक जागरुक हो रहा है क्योंकि भौतिकवादी जीवनशैली के दुष्परिणाम वह देख और भुगत चुका है, इसलिए वह अपने व्यस्त जीवन से कुछ समय निकालकर प्रकृति की गोद में या ऐसे किसी स्थान पर बिताना चाहता है, जहां उसे शांति मिल सके। Read more » Featured अर्थों की तलाश ज़िन्दगी
विविधा ये तमाशे और हम November 6, 2016 by अनुज अग्रवाल | Leave a Comment देश में एक तमाशा स्वदेशी के नाम पर चीनी सामान के विरुद्ध चल रहा है। चीन से कई लाख करोड़ के माल के आयातक हम और हमारी सरकार इस आयत को कम करने की कतई इच्छुक नहीं दिख रही हां जनता ने जरूर कई हज़ार करोड़ के चीनी माल के बहिष्कार का रास्ता खोल दिया। शायद सरकार जन भावनाओं को समझ कोई पहल करे। Read more » Featured ये तमाशे और हम