Category: विविधा

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राष्ट्रीय सुरक्षा की अवहेलना क्यों ?

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हमारी ढुलमुल शत्रु नीति व समझौतावादी प्रवृति का ही दुष्परिणाम है कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भी सीमाओं पर अनेक दर्दनाक घटनाऐं राष्ट्रीय सुरक्षा की पोल खोलने के लिए पर्याप्त है। इस पर भी आज राष्ट्र में पूर्णकालिक रक्षा मंत्री का न होना हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति सतर्कता व गंभीरता के अभाव का बोध करा रही है। कहा गये वो "आंख में आंख डाल कर उसी की भाषा में उत्तर देने वाले " साहसिक नारे और कहां गई वह "एक के बदले दस सिर " लाने के उत्साहवर्धक वक्तव्य ? क्या यह सब चुनावी लुभावने थोथे नारे थे या कुछ धरातल पर कर दिखाने की वास्तविक इच्छा ?

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विविधा

जाधव: सांप मरे, लाठी न टूटे

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हेग की अदालत की सलाह का लाभ उठाकर प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ अपने सेनापति को भी मना सकते हैं। यों मोदी और सुषमा, नवाज़ और सरताज अजीज़ से सीधे बात कर सकते थे लेकिन भारत सरकार की यह उत्तम कूटनीति है कि उसने अप्रत्यक्षतः नवाज़ के हाथ मजबूत कर दिए हैं। यों भी नवाज़ और सेनापति बाजवा के बीच ‘डान लीक’ के मामले में अब शांति हो गई है। नवाज़ शरीफ और मोदी दोनों ही भारत-पाक संबंधों को सुधारना चाहते हैं। यदि हेग की अदालत का फैसला जाधव की रिहाई के लिए हो जाए और पाकिस्तान उसे मान ले तो सांप भी मर जाएगा और लाठी भी नहीं टूटेगी।

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पर्यावरण विविधा

पर्यावरण की सुरक्षा – हमारा नैतिक कर्त्तव्य

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यदि कोई चाहकर भी वृ़क्षारोपण के कार्य में सहयोग न दे पाये तो कोई बात नहीं । वह कम से कम इतना सहयोग तो जरूर कर ही सकता है कि - हममें से हर कोई रेल और सडक मार्ग से यात्रा जरूर करता है । इन यात्राओं के दौरान खाये जाने वाले फलों के बीजों को इधर-उधर कचरे के रूप में न फेंककर यात्रा के दौरान ही सडक या रेल मार्ग के किनारे बिखेर दें । उन बिखेरे गये बीजों से कुछ नहीं तो यदि 10 प्रतिशत पौधे ही पनप जायें तो भी पर्यावरण संरक्षण की दिषा में उनका यह बहुत बडा योगदान होगा ।

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विविधा

आगरा की वेदना

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कल कल करने वाली यमुना के तट पर होते हुए मैं प्यासा हूं। कारण यह है कि यमुना नें प्यास मिटाने की क्षमता खो दी है। पहले मेरी प्यास बुझाने के लिए यमुना काफी थी, लेकिन सरकारी नीतियों ने हत्या कर दी है। मेरी यमुना में पानी के नाम पर मलमूत्र और फैक्ट्रियों के कचरे मात्र है। दिल्ली, हरियाणा से ही मलमूत्र आ रहा है। मेरी यमुना को शुद्ध करने के लिए हजारों करोड़ रुपये जल निगम वाले डकार चुके हैं। सिर्फ बारिश में यमुना कुछ समय के लिए भरी हुई दिखती है। इसके बाद तो सिर्फ नाला ही नजर आती है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी यमुना में गंदगी डाली जा रही है।

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विविधा

“अम्ब्रेला शॉप : बुन्देलखण्ड के किसान की चलती फिरती दुकान”

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बुन्देलखन्ड के आम जनजीवन पर आई ताजा रिपोर्ट से सरकार को उलझन मससूस हो सकती है पर यहाँ के हालात बहुत चिंताजनक है,इस पर कोई दोराय नही । पूरा बुन्देलखण्ड पिछले तीन दशक से लगातार सूखे की मार झेल रहा है और इसके लिए पूर्णतया पर्यावरण असन्तुलन ही जिम्मेदार है । पीने के पानी का स्रोत (कुंओ,तालाबों) सूख गए हैं या ज्यादातर का भूजल स्तर 15 सालों में बुरी तरह नीचे गिरा है इसके कारण यहाँ के कई इलाकों के लगभग सभी कुएँ और हैण्डपम्प सूख गए हैं । इस भूजल स्तर के गिरने का प्रमुख कारण है विकास के नाम पर तालाबों का बलिदान। ऐसे में सवाल यह है की क्या हम वाकई में सम्रद्ध हो रहे हैं ?

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शांति और प्रेम का संदेश देती है बुद्ध पूर्णिमा

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यह लाल बलुई मिटटी की बनी है। यह मूर्ति भी इसी स्थान से निकाली गयी थी। मंदिर के पूर्वी हिस्से में एक स्तूप कहा जाता है कि यहां पर भगवानबुद्ध का अंतिम संस्कार किया गया था। श्रीलंका व अन्य दक्षिण पूर्व एशियाइ देशों में इस दिन को बेसाक उत्सव के रूप में मनाया जाता है।पूर्णिमा के दिन बौद्ध अनुयायी अपने घरों में दीपक जलाते हैं। फूलों से घरों को सजाते है। सभी बौद्ध बौद्ध ग्रंथ का पाठ करते हैं। बोधगया सहित भगवान बुद्ध सें सम्बंधित सभी तीर्थस्थलों व स्तूपों व महत्व के स्थानों को सजाया जाता है। कई जगह मेले भी लगते हैें।

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परस्पर संवादहीनता: घातक जहर

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कुछ ही पलों में घटना के पक्ष या विपक्ष में व्हाट्सअप के सजे हुए मैसेज आंकडों सहित वाइरल होने लगते हैं । पता नहीं देखते देखते तमाम आंकडे लिये ये मैसेज इतनी जल्दी, कहॉं से और कैसे बनकर लोगों के पास आ जाते हैं और उसके प्रत्युत्तर में भी लाजवाब मैसेज दनादन घूमने लगते हैं । इसके बाद सिलसिला शुरू होता है एसएमएस और व्हाट्सअप के माध्यम से घटना के विभिन्न पहलुओं के पक्ष और विपक्ष मंे अपनी राय देकर वोट करने का । जागरूक जनता अपना सभी जरूरी कार्य छोडकर ऐसी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग को प्राथमिकता भी देती है । यही सिलसिला एक सप्ताह, पंद्रह दिन, और कई बार तो महीने भर से ज्यादा की ब्रेकिंग न्यूज का हिस्सा बनकर हमंे व्यस्त और तनावग्रस्त किये रहती है ।

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