विधि-कानून विविधा मुस्लिम महिला विधेयक December 29, 2017 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment हिन्दुओं में सती प्रथा के उन्मूलन के बाद सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए किसी भी सरकार द्वारा पहली बार कल एक अत्यन्त साहसिक और क्रान्तिकारी विधेयक लोकसभा में पास हुआ। विवाह के बाद मुस्लिम महिला के अधिकारों की रक्षा के लिए यह विधेयक लाना और इसे कानून का रूप देना केन्द्र सरकार का […] Read more » ban on triple talaq Featured triple talaq तीन तत्काल अवैध तीन तलाक अमान्य मुताह हलाला
विधि-कानून विविधा …तो फिर 2जी घोटाले का दोषी कौन? December 28, 2017 by सुरेश हिन्दुस्थानी | 1 Comment on …तो फिर 2जी घोटाले का दोषी कौन? देश में संप्रग सरकार के समय हुए 2जी घोटाले में न्यायालय के निर्णय के साथ ही भाजपा और कांग्रेस में राजनीतिक बयानबाजी प्रारंभ हो गई है। कांग्रेस जहां इस घोटाले को पूरी तरह से झूठा प्रमाणित करने की कवायद कर रही है, वहीं भाजपा की तरफ से अभी भी इसे घोटाले का रुप ही देने […] Read more » 2G scam Featured who is guilty of 2G scam दो जी स्पेक्ट्रम घोटाले सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओ.पी. सैनी
विधि-कानून विविधा न्याय की धीमी गति पर खड़े हुए सवाल December 28, 2017 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग देश में कानून प्रक्रिया की धीमी एवं सुस्त गति एक ऐसी त्रासदी बनती जा रही है, जिसमें न्यायालयों में न्याय के बजाय तारीखों का मिलना, केवल पीड़ित व्यक्ति को ही नहीं, बल्कि समूची व्यवस्था को घायल कर देती है। इससे देश के हर नागरिक के मौलिक अधिकारों का न केवल हनन होता है […] Read more » Featured justice slow speed of justice Standing on the slow speed of justice न्याय न्याय की धीमी गति
विधि-कानून भारत में न्यायिक प्रणाली, समस्याएं और सुधार September 18, 2017 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | 3 Comments on भारत में न्यायिक प्रणाली, समस्याएं और सुधार एडवोकेट डा. राधेश्याम द्विवेदी लोकतांत्रिक भारत सरकार की तीन स्वतंत्र शाखाएं हैं – कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका। भारतीय न्यायिक प्रणाली अंग्रेजों ने औपनिवेशिक शासन के दौरान बनाई थी। इसको आम कानून व्यवस्था के रुप में जाना जाता है जिसमें न्यायाधीश अपने फैसलों, आदेशों और निर्णयों से कानून का विकास करते हैं। देश में कई स्तर […] Read more » Featured judicial system जिला और अधीनस्थ न्यायालय न्यायपालिका में भ्रष्टाचार न्यायिक प्रणाली न्यायिक प्रणाली की समस्याएं न्यायिक सुधार पारदर्शिता की कमी भारत का सुप्रीम कोर्ट लंबित मामलों का बैकलाग समाज से परस्पर संवाद नहीं
विधि-कानून विविधा देश में न्याय की उम्मीद जगाते हाल के फैसले September 10, 2017 by डॉ नीलम महेन्द्रा | Leave a Comment अभी हाल ही में भारत में कोर्ट द्वारा जिस प्रकार से फैसले दिए जा रहे हैं वो देश में निश्चित ही एक सकारात्मक बदलाव का संकेत दे रहे हैं। 24 साल पुराने मुम्बई बम धमाकों के लिए अबु सलेम को आजीवन कारावास का फैसला हो या 16 महीने के भीतर ही बिहार के हाई प्रोफाइल […] Read more » Featured hope of justice Judiciary justice न्याय न्याय की उम्मीद
विधि-कानून विविधा विधि या कानून का लचीलापन August 30, 2017 / September 1, 2017 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी विधि या कानून किसी भी नियम संहिता को कह सकते हैं। विधि प्रायः भलीभांति लिखी हुई संसूचकों (इन्स्ट्रक्शन्स) के रूप में होती है। समाज को सम्यक ढंग से चलाने के लिये विधि अत्यन्त आवश्यक है।विधि मनुष्य का आचरण के वे सामान्य नियम होते है जो राज्य द्वारा स्वीकृत तथा लागू किये जाते […] Read more » कानून का लचीलापन विधि का लचीलापन
राजनीति विधि-कानून दायित्व से भटके सांसद August 9, 2017 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव देश के जिन सांसदों पर कानून बनाने से लेकर देश और युवाओं को नई दिशा देने की जिम्मेबारी है, वही दायित्व से भटके नजर आ रहे हैं। हाल ही में भारतीय जनता पार्टी की संसदीय दल की बैठक में सदन में कई सांसद अनुपस्थित रहा। लोकतंत्र के लिए यह अच्छी बात नहीं है। […] Read more » absence of sansads in parliament Featured parliamentarians absence सांसद
विधि-कानून विविधा राष्ट्रगीत के सम्मान में न्यायालय का निर्णय July 29, 2017 by लोकेन्द्र सिंह राजपूत | 1 Comment on राष्ट्रगीत के सम्मान में न्यायालय का निर्णय – लोकेन्द्र सिंह भारतीय संविधान में ‘वंदेमातरम्’ को राष्ट्रगान ‘जन-गण-मन’ के समकक्ष राष्ट्रगीत का सम्मान प्राप्त है। 24 जनवरी, 1950 को संविधान सभा ने ‘वन्देमातरम्’ गीत को देश का राष्ट्रगीत घोषित करने का निर्णय लिया था। यह अलग बात है कि यह निर्णय आसानी से नहीं हुआ था। संविधान सभा में जब बहुमत की इच्छा की अनदेखी कर वंदेमातरम् को राष्ट्रगान के दर्जे से दरकिनार […] Read more » Featured न्यायमूर्ति एमवी मुरलीधरन मद्रास उच्च न्यायालय राष्ट्रगीत वंदेमातरम्
विधि-कानून विविधा भारतीय पुलिस संस्कृति में भ्रष्टाचार की जड़ें July 19, 2017 / July 19, 2017 by एडवोकेट मनीराम शर्मा | 1 Comment on भारतीय पुलिस संस्कृति में भ्रष्टाचार की जड़ें भारतीय पुलिस में भ्रष्टाचार सर्वविदित और सुज्ञात है| जो इस विभाग में ईमानदार दिखाई देते हैं वे भी लगभग ईमानदारी का नाटक ही कर रहे हैं और वे महाभ्रष्ट नहीं होने से ईमानदार दिखाई देते हैं| भ्रष्ट भी दो तरह के होते हैं – एक वे जो माँगते नहीं अपितु दान दक्षिणा स्वीकार करते है […] Read more » corrupt Indian police Featured भारतीय पुलिस भारतीय पुलिस में भ्रष्टाचार
विधि-कानून विविधा चुनाव आयोग की हकलाहट July 14, 2017 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | 1 Comment on चुनाव आयोग की हकलाहट अपना चुनाव आयोग बड़ी दुविधा में फंस गया है। वह सर्वोच्च न्यायालय को यह नहीं बता पा रहा है कि जिन नेताओं को आपराधिक मामलों में दो साल से ज्यादा की सजा हो जाती है, उन्हें सिर्फ छह साल तक चुनाव नहीं लड़ने दिया जाए या पूरे जीवन भर का प्रतिबंध उन पर लगा दिया […] Read more » Featured चुनाव आयोग
विधि-कानून विविधा क्या आज भी उतना ही प्रासंगिक है संविधान ? June 20, 2017 by अनुज हनुमत | Leave a Comment समूचा देश पिछले एक वर्ष से 25 नवंबर के दिन अपना संविधान दिवस मनाता है । इसकी शुरूआत 2015 से हुई क्योंकि ये वर्ष संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर के जन्म के 125वें साल के रूप में मनाया गया था। आज संविधान को अंगीकृत किये हुए देश को 66 वर्ष का समय हो गया है […] Read more » #संविधान दिवस Featured केरल के एक मठ के प्रमुख केशवानंद भारती केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य बाबा साहेब आंबेडकर
विधि-कानून विविधा कब मिलेगा न्याय June 12, 2017 by संचित पुरोहित | Leave a Comment संविधान की व्याख्या के अनुसार भारत सरकार के तीन प्रमुख अंगों मंे व्यवस्थापिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका के अधीन विभिन्न मंत्रालय और विभाग कार्यरत हैं । चूॅंकि नैसर्गिक न्याय से बढकर कुछ नहीं, अतः न्यायपालिका की कार्यकारी और महती भूमिका का जनतंत्र पर प्रभावी होना बहुत जरूरी है । संविधान के अनुसार भले ही दस गुनाहगार […] Read more » tele law टेली-लाॅ न्याय व्यवस्था में गति और स्वच्छता राष्ट्रीय न्यायिक डाटा ग्रिड