विधि-कानून विविधा बड़ी अदालत में बड़ा अन्याय May 5, 2017 / May 5, 2017 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment भारत के सर्वोच्च न्यायालय में आप किसी भी भारतीय भाषा का प्रयोग नहीं कर सकते। हिंदी का भी नहीं। हिंदी राजभाषा है। यह हिंदी और राज दोनों का मजाक है। यदि आप संसद में भारतीय भाषाओं का प्रयोग कर सकते हैं तो सबसे बड़ी अदालत में क्यों नहीं? सबसे बड़ी अदालत में सबसे बड़ा अन्याय है, यह ! देश के सिर्फ चार उच्च न्यायालयों में हिंदी का प्रयोग हो सकता है- राजस्थान, उप्र, मप्र और बिहार! छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु ने भी स्वभाषा के प्रयोग की मांग कर रखी है। Read more » bihar Constitution High Courts hindi Narendra Modi Regional Language Supreme Court अदालत छत्तीसगढ़ राजस्थान
विविधा स्वास्थ्य-योग जानिए की कैसे आप सही दिशा अपनाकर जियें स्वस्थ जीवन– May 5, 2017 by पंडित दयानंद शास्त्री | Leave a Comment प्रिय पाठकों, हमारे जीवन मे दिशाओ का बहुत महत्व है। हमारे जीवन मे अनेक कष्ट एवं कठिनाइयाँ केवल दिशाओं के गलत उपयोग के कारण ही आती है। आप अपनी दिशाएं बदल के अपने जीवन मे सुख शांति ला सकते हैं। वास्तु का भी हमारे जीवन में विशेष प्रभाव रहता है.मानसिक हालत कमजोर होने की स्थिति […] Read more » Featured सही दिशा अपनाकर जियें स्वस्थ जीवन
विविधा व्यग्र न हों – मोदी पर विश्वास रखें May 5, 2017 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment जैसा कि इस आलेख के प्रथम पक्ष में ही मैंने चाणक्य का उद्धरण देकर बताया कि हमें स्वयं को साधकर सटीक समय पर अपना सर्वोत्तम करना होगा. आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता यही है. और आज के समय की सबसे दुखद परिस्थिति यही है कि हमारी पीढ़ी कुछ अधिक व्यग्र है, वह कुछ अधिक ही हावी होनें के प्रयास में भी रहती है किंतु इस क्रम में आगे बढ़ते हुए वह स्वनियंत्रण को ही खो बैठती है जो इस समय की मूल ही नहीं अपितु परम आवश्यक आवश्यता रहती है. हम देख रहें हैं कि पाकिस्तान द्वारा हमारें सैनिकों के साथ पाशविक आचरण के बाद मीडिया पर और विशेषतः सोशल मीडिया द्वारा नरेंद्र मोदी नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर जिस तरह का बदला लेनें का मानसिक दबाव बना दिया गया है. लोकतांत्रिक ढंग से निर्वाचित किसी भी सरकार के लिए ऐसा जनदबाव खतरनाक साबित हो सकता है, वो तो अच्छा है कि मोदी सरकार और उसके विभिन्न भाग व अंग इस जनदबाव के समक्ष भी अपनें विवेक व दायित्वबोध को यथा स्थान, यथा समय व यथा संतुलन समायोजित किये हुए है. Read more » Featured Indian soldiers mutilated revenge of Indian soldiers दो जवानों के सर कटे शव नरेंद्र मोदी सरकार पाकिस्तान के भारत स्थित उच्चायुक्त अब्दुल बासित मोदी
विविधा कश्मीर का बिना शर्त भारत में पूर्ण विलय , फिर अनुच्छेद 370 का क्या औचित्य…❔ May 4, 2017 by विनोद कुमार सर्वोदय | Leave a Comment इस अनुच्छेद का अधिकांश लाभ सामान्य जनता को नही केवल वहां के सत्ताधारियों व अलगाववादियों को ही मिल रहा है । इसके कारण अलगाववादियों, आतंकियों एवं भारतीय ध्वज व संविधान का अपमान करने वालो पर कठोर कार्यवाही भी नही हो पाती । सन 2002 में पूरे देश मे लोकसभा क्षेत्रो का पुनर्गठन हुआ था पर इस विवादित अनुच्छेद के चलते यह जम्मू-कश्मीर में नही हो सका। क्या ऐसे में भारतीय संसद की भूमिका वहां अप्रसांगिक नही हो गई ? अतः यह विचार करना होगा कि अनुच्छेद 370 के होते वहां के सामान्य नागरिको को क्या लाभ हुआ और अगर देश के अन्य कानून वहां लागू होते तो उन्हें कितना लाभ होता ? Read more » ▶कश्मीर का भारत में विलय Featured विभाजनकारी 'अनुच्छेद 370'
विविधा व्हिस्की पीने के लिए और पानी लडने के लिए May 4, 2017 / May 4, 2017 by हेमेन्द्र क्षीरसागर | Leave a Comment हेमेन्द्र क्शीरसागर व्हिस्की पीने के लिए और पानी लडने के लिए अमेरिकी लेखक मार्क ट्वेन की यह मशहूर कहावत चरितार्थ हो चुकी है। जगह-जगह लोग पानी-पानी के लिए त्राहिमाम-त्राहिमाम हो रहे है। जीने के लिए एक बूंद पानी बमुश्किल से मुनासिब हैं। वहीं व्हिस्की का जगह-जगह पाबंदी के बावजूद मिलना आम बात हो गई है। […] Read more » पानी
विविधा गरीबों को मिल सकेगे सस्ते घर May 4, 2017 / May 5, 2017 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment एंटी भू माफिया अभियान के बाद एक के बाद सफेदपोश नेताओं व बाबुओं के चेहरे से नकाब उतर सकता हैं । यही कारण है कि अपने आप को बचाने के लिए अब सभी लोग महागठबंधन की बात करने लग गये हैं। ईवीएम की आलोचना होने लग गयी हे लोग अपनी गलतियों को सुधारने का प्रयास नहीं कर रहे हैं अपितु ओर अधिक गलतियां लगातार कर रहे है। यदि कहीं प्रदेशभर के विपक्ष ने नोटबंदी की तरह एंटी भू- माफिया अभियान का भी विरोध करना शुरू कर दिया तो यह दल अगले चुनावों में एक - एक सीट ही नहीं वोट के लिए भी तरस जायेंगे। Read more » उत्तर प्रदेश एंटी भू- माफिया अभियान गाजियाबाद विकास प्राधिकरण योगी आदित्यनाथ लखनऊ विकास प्राधिकरण सस्ते घर
विविधा “यह कैसा विधान…. पत्थरबाज भी नही आते बाज…”⁉ May 3, 2017 by विनोद कुमार सर्वोदय | Leave a Comment विश्व के सभी देश अपने अपने नागरिकों के महत्व को समझते है और उसकी रक्षा के साथ साथ उसके समस्त मौलिक अधिकारों को यथा संभव सुरक्षा प्रदान करने के लिए संकल्पित है। परंतु हम सत्तर वर्ष के अपने स्वतंत्र राष्ट्र में इतने बौने हो गए है कि सैनिको का मान-मर्दन होता रहें और हम चिंता व निंदा करके केंडिल मॉर्च से अपने अपने दायित्व से मुक्त हों कर मीडिया में श्रद्धांजलियां देते हुए छपते रहना चाहते है । आज के सोशल मीडिया ने तो इस चलन की बाढ़ आती जा रही है ,यह कैसी राष्ट्रपरायणता है जो मानवीय संवेदनाओं से भी प्रचार की होड़ करवाती है । क्या पीड़ित हृदयो में आंसुओ का अकाल हो गया है या ह्र्दय ही इतना कठोर होता जा रहा है कि हमारी सुरक्षा में लगे इन सैनिकों को आक्रोशित हों कर भी आत्मग्लानि में जीने को विवश होना पड़ें ? Read more » Featured Kashmiri stone pelters stone pelters of Kashmir पत्थरबाज
विविधा जनाक्रोश ! May 3, 2017 by शिव शरण त्रिपाठी | Leave a Comment कोई यह तो नहीं कह सकता कि मोदी सरकार आतंरिक व वाह्य आतंकी दुश्मनों से निपटने का सतत् व परिणामपरक प्रयास ही नहीं कर रही है पर आम जनता को लग रहा है कि मोदी सरकार निर्णायक कदम न उठाकर राष्ट्र का लगातार नुकसान कर रही है। मोदी सरकार व मोदी के नेतृत्व पर देश […] Read more » Chattisgarh Featured naxal attack in sukma Terror attack in kashmir छत्तीसगढ़ जनाक्रोश जम्मू-कश्मीर भारतीय सेना सर्जिकल स्ट्राइक
विधि-कानून विविधा जल्दी आए लोकपाल May 2, 2017 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment स्वतंत्र भारत में भ्रष्टाचार का सुरसामुख लगातार फैलता रहा है। उसने सरकारी विभागों से लेकर सामाजिक सरोकारों से जुड़ी सभी संस्थाओं को अपनी चपेट में ले लिया है। शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मानवीय मूल्यों से जुड़ी संस्थाएं भी अछूती नहीं रहीं। नौकरशाही को तो छोड़िए, देश व लोकतंत्र की सर्वोच्च संस्था संसद की संवैधानिक गरिमा बनाए रखने वाले संासद भी सवाल पूछने और चिट्ठी लिखने के ऐवज में रिश्वत लेने से नहीं हिचकिचाते। जाहिर है, भ्रष्टाचार लोकसेवकों के जीवन का एक तथ्य मात्र नहीं, बल्कि शिष्टाचार के मिथक में बदल गया है। जनतंत्र में भ्रष्टाचार की मिथकीय प्रतिष्ठा उसकी हकीकत में उपस्थिति से कहीं ज्यादा घातक इसलिए है, क्योंकि मिथ हमारे लोक-व्यवहार में आदर्श स्थिति के नायक-प्रतिनायक बन जाते हैं। राजनीतिक व प्रशासनिक संस्कृति का ऐसा क्षरण राष्ट्र को पतन की ओर ही ले जाएगा ? इसीलिए साफ दिखाई दे रहा है कि सत्ता पक्ष की गड़बड़ियों पर सवाल उठाना, संसदीय विपक्ष के बूते से बाहर होता जा रहा है। विडंबना यह है कि जनहित से जुड़े सरोकारों के मुद्रदों को सामने लाने का काम न्यायपालिका को करना पड़ रहा है। Read more » Featured लोकपाल
विज्ञान विविधा विश्वास का जीव विज्ञान May 2, 2017 by गंगानन्द झा | Leave a Comment नवीन जीव विज्ञान (New Biology) दिखलाता है कि डीएनए जीव विज्ञान का नियन्त्रण नहीं करता. बल्कि डीएनए ही कोशा के बाहर से आनेवाले संकेतों, से नियन्त्रित होता हैं। इन पर्यावरणीय सकेतों में हमारे सकात्मक और ऋणात्मक विचार भी शामिल हैं। कोशा विज्ञान एवम् क्वाण्टम भौतिकी में डॉ लिपटन के नवीनतम एवम् सर्वोत्तम अनुसंधान स्थापित करते हैं कि हम अपने सोचने के तरीके को पुनः प्रशिक्षित करके अपने शरीरों को बदल सकते हैं। Read more » Featured Genetic Determinism अनुवंशिक जीव विज्ञान अनुवंशिक नियतिवाद क्वाण्टम भौतिकी चार्ल्स डार्विन की पुस्तक ’On the origin of species
विविधा पाकिस्तान को सबक सिखाना ही होगा May 2, 2017 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment भारतीय सीमा पर हमारे दो जवानों की शहादत के बाद पाकिस्तान ने जो कायराना हरकत की, उसके जवाब में भारतीय सेना तुरंत हरकत में आई और उसने पाकिस्तान के दस सैनिक को मौत के घाट उतार दिया लेकिन पाकिस्तान भविष्य में कोई हरकत न कर सके, इसके लिए हमें तैयार रहना होगा और ऐसी ठोस रणनीति तैयार करनी होगी जिससे पाकिस्तान भारत की ओर मुंह उठाकर भी न देख सके। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को घेरने की रणनीति पर भारत को एक बार फिर से कदम बढ़ाने होंगे। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत को अपनी बात पुरजोर तरीके से रखना होगी ताकि दुनिया को पता चल सके कि पाकिस्तान भारत के लिए ही खतरा नहीं है बल्कि अन्य देशों के लिए भी खतरा बनता जा रहा है। Read more » Featured pakistan terrorism अमेरिका अमेरिका की दोहरी नीति : आतंकवाद पाकिस्तान
विविधा धूम्रपान में राहु–केतु की भूमिका May 2, 2017 by पंडित दयानंद शास्त्री | Leave a Comment जिन व्यक्तियों का मंगल अच्छा नहीं होता है, उनमें क्रोध और आवेश की अधिकता रहती है। ऐसे व्यक्ति छोटी-छोटी बातों पर भी उबल पड़ते हैं। अन्य व्यक्तियों द्वारा समझाने का प्रयास भी ऐसे व्यक्तियों के क्रोध के आगे बेकार हो जाता है। क्रोध और आवेश के कारण ऐसे लोगों का खून एकदम गर्म हो जाता है। लहू की गति (रक्तचाप) के अनुसार क्रोध का प्रभाव भी घटता-बढ़ता रहता है। राहू के कारण जातक अपने आर्थिक वादे पूर्ण नहीं कर पाता है। इस कारण भी वह तनाव और मानसिक संत्रास का शिकार हो जाता है। Read more » Smoking धूम्रपान में राहु–केतु