शख्सियत तेजिंदर गगन का जाना July 23, 2018 / July 23, 2018 by संजीव खुदशाह | Leave a Comment संजीव खुदशाह वरिष्ठ पत्रकार प्रभाकर चौबे के दिवंगत होने की खबर का अभी एक पखवाड़ा भी नहीं हुआ था की खबर आई, तेजिंदर गगन नहीं रहे। मुझे याद है तेजिंदर गगन से मेरी पहली मुलाकात एक कार्यक्रम में हुई थी। वह एक राज्य संसाधन केंद्र के द्वारा आयोजित कार्यक्रम था। जिसमें वह बतौर साथी वक्ता […] Read more » Featured अंबिकापुर अंबेडकरवाद चैन्नई व अहमदाबाद देहरादून नागपुर रायपुर वरिष्ठ पत्रकार प्रभाकर चौबे वामपंथ संबलपुर
राजनीति योगी के सहारे केरल और गुजरात फतह की तैयारी में भाजपा October 7, 2017 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment मृत्युंजय दीक्षित उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में सत्त्तासीन होने के बाद भारतीय जनता पार्टी की नजरें अब बेहद कमजोर व चुनौतीपूर्ण राज्यों के चुनावों को जीतने में लग गयी हैं। केरल एक ऐसा राज्य है जहां राजनैतिक हत्याओं का बाजार गर्म है तथा इस हिंसक राजनीति के खिलाफ अब भारतीय जनता पार्टी व आरएसएस […] Read more » Featured kerela Yogi Adityanath visit to Kanaur उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ केरल में आयोजित पदयात्रा भाजपा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह योगी आदित्यनाथ वामपंथ संघ
समाज वामपंथ और नकारात्मक राजनीति September 29, 2017 by विकास आनन्द | Leave a Comment वामपंथ स्वतंत्रता आन्दोलन से ही दुष्प्रचार और नकारात्मक राजनीति में विश्वास करता है विकास आनन्द आजकल कम्यूनिष्ट विचार को मानने वाले छात्र संगठन,पत्रकार समूह ,बुद्धिजीवियों में अजीबो गरीब विशेषता देखने को मिल रही है.हालांकि इस तरह के लक्षण और इनकी ओछी हरकते कोई नई नही है. देश मे छोटी से बड़ी सारी घटनाओं के लिए […] Read more » .बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी communism death of Gauri Lankesh Featured kerela negative politics of communists कम्युनिस्ट केरल की अर्थव्यस्था गौरि लांकेश दुष्प्रचार नकारात्मक राजनीति वामपंथ स्वतंत्रता आन्दोलन
राजनीति निरंतर ह्रास की ओर बढ़ रहा वामपंथ September 7, 2016 by प्रवीण गुगनानी | 2 Comments on निरंतर ह्रास की ओर बढ़ रहा वामपंथ मजदूर हितों के नाम पर अपनी पूरी की पूरी राजनैतिक रोटियाँ सेंकनें वाले वामपंथी ट्रेड यूनियनों को एक बड़ी असफलता का सामना करना पड़ा है. अंततः वामपंथी मजदूर संगठनों व वामपंथी राजनैतिक दलों द्वारा घोषित 2 सितम्बर का भारत बंद विफल हो ही गया. इसमें नया कुछ नहीं क्योंकि इस भारत बंद के विफल होनें […] Read more » Featured वामपंथ ह्रास की ओर बढ़ रहा
लेख साहित्य लाल और नीली कटोरी : वामपंथ तथा अम्बेडकरवाद का प्रतीक March 10, 2016 by विजय कुमार | 2 Comments on लाल और नीली कटोरी : वामपंथ तथा अम्बेडकरवाद का प्रतीक इन दिनों दिल्ली का जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (ज.ने.वि.) काफी चर्चा में है। गत नौ फरवरी को वहां छात्रों तथा कुछ बाहरी लोगों ने पाकिस्तान जिन्दाबाद, भारत तेरे टुकड़े होंगे: इंशा अल्लाह, इंशा अल्लाह तथा भारत की बरबादी तक जंग चलेगी.. जैसे देशद्रोही नारे लगाये। वे अफजल गुरु, मकबूल बट तथा याकूब मेनन जैसे देशद्रोही […] Read more » Featured अम्बेडकरवाद अम्बेडकरवाद का प्रतीक कन्हैया कुमार जेएनयू नीली कटोरी लाल कटोरी वामपंथ वामपंथ का प्रतीक
व्यंग्य अभिव्यक्ति और प्रतिबन्ध [व्यंग्य] August 1, 2013 by राजीव रंजन प्रसाद | 1 Comment on अभिव्यक्ति और प्रतिबन्ध [व्यंग्य] राजीव रंजन प्रसाद “सर जी सहारा प्रणाम” “काहे का सहारा वो तो डूब गया भाई, और कौन सा प्रणाम? आज कल हम लाल सलाम करते हैं” “कल तक तो वहीं की गा रहे थे” “भाई वो खिला रहे थे, हम खा रहे थे” “कल यह लाल कहीं हरा, नीला या पीला हो गया तो?” “देख […] Read more » अरुंधती नक्सलवाद राजेंद्र यादव वामपंथ
महत्वपूर्ण लेख प्रगतिशील पाप और पाखण्ड : शंकर शरण November 14, 2011 / December 3, 2011 by शंकर शरण | 13 Comments on प्रगतिशील पाप और पाखण्ड : शंकर शरण शंकर शरण प्रगतिशील लेखक संघ की (प्र.ले.सं.) स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने पर हुई एक गोष्ठी में मंच पर प्रेमचंद की बड़ी सी तस्वीर लगी थी। मानो प्रेमचंद ही उसके संस्थापक हों! जबकि वास्तविक संस्थापकों सज्जाद जहीर, मुल्कराज आदि की छवि गायब थी। सन् 1936 में प्र.ले.सं. के एक सम्मेलन की अध्यक्षता जरूर प्रेमचंद […] Read more » Hypocrisy Sin कॉमरेड प्रगतिशील वामपंथ
समाज जब तक दुनिया में असमानता रहेगी -वामपंथ तब तक अमर रहेगा.{भाग-१} September 14, 2011 / December 6, 2011 by श्रीराम तिवारी | 5 Comments on जब तक दुनिया में असमानता रहेगी -वामपंथ तब तक अमर रहेगा.{भाग-१} श्रीराम तिवारी भारतीय दार्शनिक परम्परा में कार्य-कारण का सिद्धांत सारे प्रबुद्ध संसार में न केवल प्रसिद्ध है बल्कि उस पर वैज्ञानिक भौतिकवाद की मुहर भी अब से १५० साल पहले तब लग चुकी थी जब जर्मन दार्शनिकों और खास तौर से मेक्समूलर ,कार्ल मार्क्स और एंगेल्स ने इस भारतीय वेदान्त प्रणीत दर्शन को अपने एतिहासिक […] Read more » inequality वामपंथ
राजनीति कम्युनिस्टों का असली चेहरा / विपिन किशोर सिन्हा September 8, 2011 / June 6, 2012 by विपिन किशोर सिन्हा | 13 Comments on कम्युनिस्टों का असली चेहरा / विपिन किशोर सिन्हा कम्युनिज्म और कम्युनिस्ट विश्व मानवता के लिए खतरा ही नहीं अभिशाप हैं। इन कम्युनिस्टों ने अपने ही देशवासियों को यातना देने में नादिरशाह, गज़नी, चगेज़ खां, हिटलर मुसोलिनी आदि विश्व प्रसिद्ध तानाशाहों को भी मात दे रखी है। रुस के साईबेरिया के यातना शिविरों के किस्से रोंगटे खड़ा कर देनेवाले हैं। चीन में सांस्कृतिक क्रान्ति […] Read more » Communist कम्युनिज्म मार्क्सवाद वामपंथ साम्यवाद
महत्वपूर्ण लेख राजनीति कम्युनिज्म की काली किताब September 8, 2011 / September 12, 2011 by शंकर शरण | 10 Comments on कम्युनिज्म की काली किताब शंकर शरण अन्ना आंदोलन की बाढ़ में पश्चिम बंगाल से आती एक बड़ी खबर डूब-सी गई। बंगला मीडिया में वह खबरें ‘कंकालकांड’ के नाम से आई है। पूर्वी और पश्चिमी मिदनापुर जिलों में जमीन के नीचे थोक भाव से नरकंकाल मिले हैं। प्रारंभिक जाँच में ही दिखा कि यह मार्क्सवादी पार्टी द्वारा राजनीतिक विरोधियों की […] Read more » कम्युनिज्म कम्युनिस्ट मार्क्सवाद वामपंथ साम्यवाद
महत्वपूर्ण लेख राजनीति साम्यवाद का ढहता दुर्ग August 17, 2011 / December 7, 2011 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | Leave a Comment डॉ0 कुलदीप चंद अग्निहोत्री रूस में साम्यवादी संरचना के नष्ट को जाने से ही यह स्पष्ट संकेत मिलने शुरू हो गए थे कि लगभग एक शताब्दी पूर्व किया गया यह प्रयोग न तो अपने उददे्श्य की पूर्ति कर पाया और न ही आर्थिक व सामाजिक समानता के इतिहास में कोई नया अध्याय लिख पाया। साम्यवाद […] Read more » मार्क्सवाद वामपंथ साम्यवाद
महत्वपूर्ण लेख राजनीति भ्रष्टाचार की समाजवादी विचारधारा August 17, 2011 / December 7, 2011 by शंकर शरण | Leave a Comment शंकर शरण पिछले दस वर्ष से भारत के युवा मतदाताओं में भ्रष्टाचार ही सबसे चिंताजनक मुद्दा है। अन्ना हजारे को मिल रहे व्यापक समर्थन के पीछे यही बात है। लेकिन इस के प्रति शासकों या बुद्धिजीवियों में कोई गंभीरता नहीं देखी जाती। अभी कांग्रेस नेता ऐसे बयान दे रहे हैं, मानो भ्रष्टाचार एक अनिवार्य स्थिति […] Read more » Corruption भ्रष्टाचार वामपंथ समाजवाद